Business Idea: शुरू करें काली मिर्च की खेती, होगी बंपर कमाई!

Business Idea: इसके लिए पेड़ से 30 सेंटीमीटर की दूरी पर एक गड्ढा खोदें। उसमें दो से तीन बोरी खाद मिलाएं। उर्वरक और साफ मिट्टी को शामिल करें।

Haryana Update: बहुत से लोग फिर से खेती करना चाहते हैं। यदि आप खेती करके बड़ा पैसा कमाने की सोच रहे हैं तो आज हम आपके लिए एक ऐसा विचार लाए हैं। यह पारंपरिक खेती से अलग है और लाखों रुपये कमाने का मौका देता है। काली मिर्च (black pepper) की खेती आजकल बहुत फायदेमंद है।

ध्यान दें कि नानाडो मारक मेघालय में पांच एकड़ जमीन पर काली मिर्च की खेती करते हैं। केंद्र सरकार ने उनकी सफलता को देखते हुए पद्मश्री से सम्मानित किया है। काली मिर्च की एक किस्म, कारी मुंडा, मारक ने पहली बार उगाई थी।

अब वह खेती में हमेशा जैविक खाद का इस्तेमाल करते हैं (हमेशा जैविक खाद का इस्तेमाल करते हैं)। उन्हें पहले 10,000 रुपये में काली मिर्च के 10,000 पौधे लगाए गए। वर्षों के साथ ही इनकी संख्या बढ़ी। इनके द्वारा उगाई गई काली मिर्च बहुत लोकप्रिय है। पश्चिम गारो हिल्स की पहाड़ियों में उनका घर है।

काली मिर्च की खेती के लिए ये सबसे अच्छी मिट्टी है, लेकिन काली मिर्च की बुवाई करते समय ध्यान रखना चाहिए कि यह फसल गर्मी और ठंडे मौसम में नहीं होती है। जो मौसम में नमी होती है काली मिर्च की बेल उतनी ही जल्दी फैलती है। इस फसल को भारी मिट्टी के साथ जलभराव वाली मिट्टी में लगाया जाता है।

साथ ही, जिन खेतों में सुपारी और नारियल जैसे फलों के पेड़ उगाए जाते हैं, उनका भी ध्यान रखना चाहिए। यहाँ काली मिर्च की अच्छी खेती होती है। इस फसल को छांव की भी आवश्यकता होती है।

आपको बता दें कि काली मिर्च एक बेल है। पेड़ों पर इसे बढ़ाया जा सकता है। इसके लिए पेड़ से 30 सेंटीमीटर की दूरी पर एक गड्ढा खोदें। उसमें दो से तीन बोरी खाद मिलाएं। उर्वरक और साफ मिट्टी को शामिल करें। बीएचसी पाउडर लगाने के बाद मिर्च की रोपाई करें।

काली मिर्च उत्पादन में देश का सबसे बड़ा राज्य केरल है। यहाँ देश की 98 प्रतिशत काली मिर्च मिलती है। तमिलनाडु और कर्नाटक के बाद काली मिर्च आती है। महाराष्ट्र के कोंकण क्षेत्र में दुर्लभ काली मिर्च की खेती होती है।

काली मिर्च को किसी दुकानदार या मंडी में बेचकर पैसे कमाने का यह तरीका है। अहिले काली मिर्च (black pepper) 350 से 400 रुपये प्रति किलो बिक रहा है। पेड़ से काली मिर्च की फलिया निकालने के बाद उसे सावधानी से सुखाना और निकालना चाहिए। दाने को पानी में कुछ समय डुबोकर सुखाया जाता है। इससे दानों का रंग अच्छा होता है।

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