High Speed Corridor for Trucks: आम जनता को राहत मिलने जा रही है। सरकार लाजिस्टिक खर्चों को कम करने की योजना बना रही है। इसके लिए प्रयास शुरू हो गए हैं। बता दें, सरकार कि योजना है कि हाइस्पीड कॉरिडोर बनाए जाएंगे, जिससे ट्रक कम समय में बगैर रुके सामान को ट्रांसपोर्ट कर सकेंगे। इस तरह लाजिस्टिक की लागत कम होगी और इसका सीधा असर ये होगा कि सामान सस्ता हो जाएगा। सड़क परिवहन मंत्रालय की बैठक में हाई स्पीड कॉरिडोर पर चर्चा हुई।
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वर्तमान में ट्रकों की औसत गति 47 किमी/घंटा है, मंत्रालय ने बताया। इसे 85 किमी. तक बढ़ाने की तैयारी है। अमेरिका मे ट्रकों कि औसत गति 100 km/h औसत है, जबकि China मे 90 km/h। इसलिए वहाँ लाजिस्टिक लागत कम है। चीन में लाजिस्टिक आठ प्रतिशत है, जबकि अमेरिका में लगभग 12 प्रतिशत है।
High Speed Corridor का काम जल्द शुरू हो जाएगा
हाई स्पीड कॉरिडोर ट्रकों की औसत स्पीड को बढ़ाते हैं। आज देश में सिर्फ 3900 किमी. का हाई स्पीड कॉरिडोर है। 2026 से 2027 तक अगले तीन वर्षों में करीब 7000 किमी. निर्माण करने का लक्ष्य रखा गया है। इस प्रकार, हर साल लगभग 2500 किमी. लंबे हाईस् पीड कॉरिडोर (High Speed Corridor) बनाए जाएंगे। इसके लिए कॉरिडोर चुने गए हैं।मंत्रालय ने कहा कि इनका काम भी जल्द शुरू होगा।
High Speed Corridor से लाजिस्टिक खर्च को 9% तक कम करने की योजना
हाल ही में, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा था कि लाजिस् टक लागत नौ फीसदी तक होगी। इसके बारे में मंत्रालय में एक बैठक हुई है, जिसमें हाईस्पीड कॉरिडोर के निर्माण को तेजी से पूरा करने के उपायों पर चर्चा हुई है।
73% माल ढुलाई सड़क से हुई
बता दें, 73% माल ढुलाई सड़क से होती है। जब हाई स्पीड कॉरिडोर बनाए जाते हैं, तो माल को देश के एक कोने से दूसरे कोने में पहुंचाने में जहां कई दिन लगते हैं वहीं इससे समय और ईंधन दोनों बचेंगे।