Mango: आम खाने से पहले जान लें ये जरूरी बात!

Mango: पेस्टिसाइड कई बार स्किन एलर्जी का खतरा भी पैदा करते हैं, रूप से पके आमों में विटामिन ए, विटामिन सी और अन्य पोषक तत्वों की मात्रा नेचुरल तरीके से पके आमों से अधिक होती है।

A1 Haryana: आपको बता दें, की ग्रीष्मकाल में सब लोग आम खाते हैं। लोग इसे पूरी तरह से खाते हैं। लेकिन केमिकल और पेस्टिसाइड हानिकारक हैं। यही कारण है कि केमिकल से पके आम भी कई फायदेमंद हैं।

भारत में ऐसे कई लोग हैं जो गर्मियों का इंतजार करते हैं ताकि आम खाना खा सकें। ज्यादातर लोग मीठे, रसीले आम नहीं खाते। लेकिन फलों का राजा आम ने केमिकल को देखा है। आम को जल्दी पकाने से लेकर उसे रसीला दिखाने के लिए कई केमिकल्स प्रयोग किए जाते हैं। ये केमिकल आपके शरीर को बहुत घातक हो सकते हैं। यही कारण है कि आम खरीदते समय केमिकल-मुक्त आमों को जानना महत्वपूर्ण है। क्योंकि केमिकल से पके आमों में अक्सर कैल्शियम कार्बाइड है पेट में गैस, सूजन और दस्त हो सकता है। विभिन्न अध्ययनों के अनुसार, केमिकल से पके आमों का अधिक सेवन कैंसर का खतरा बढ़ाता है।

आम तौर पर इनमें विटामिन और मिनरल्स की कमी होती है और अधिक हानिकारक टॉक्सिन होते हैं, जो दिल की बीमारी, डायबिटीज और किडनी डिजीज का कारण बन सकते हैं। पेस्टिसाइड कई बार स्किन एलर्जी का खतरा भी पैदा करते हैं, रूप से पके आमों में विटामिन ए, विटामिन सी और अन्य पोषक तत्वों की मात्रा नेचुरल तरीके से पके आमों से अधिक होती है। खरीदते समय आप केमिकल से पके आमों को नहीं जान सकते। या फिर घर लाकर कुछ सामान्य जांच भी कर सकते हैं।

रंग देखकर सभी आम खरीदते हैं। इस रंग से केमिकल का पता लगाना आसान है। आम तौर पर पका हुआ आम हल्का पीला हरा होगा। केमिकल से पकाया गया आम पीला होता है, जिस पर हरे पैच होते हैं।

आम निशान भी केमिकल मिलावट की कहानी बताते हैं। कुछ आमों पर बहुत सारे नीले, काले या सफेद निशान स्किन पोर्स की तरह होते हैं। ऐसे सामान न खरीदें। ऐसा एक रसायन है।

नियमित खरीद के बाद भी आप बकेट टेस्ट करके केमिकल का पता लगा सकते हैं। पानी से भरी एक बकेट में घर लाए सभी आम डालें। जो प्राकृतिक रूप से पके हुए आम पानी में नीचे बैठ गए। ऊपर तैर रहे पदार्थों को केमिकल ने पकाया होगा।

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