Home Loan: आप कुल मिलाकर 7 लाख रुपये तक का टैक्स लाभ पा सकते हैं। यह, हालांकि, आपके होम लोन की राशि पर भी निर्भर करेगा।
Home Loan: यदि आप भी होम लोन लेने की योजना बना रहे हैं, तो यह खबर बहुत अच्छी है। आपको बता दें कि होम लोन लेते समय आपको कई बातों का ध्यान रखना चाहिए, नहीं तो आप लाखों रुपये बर्बाद कर सकते हैं। Home Loan लेते समय हमें कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए।
होम लोन की अवधि अधिक सालों की होगी तो आपको अधिक ब्याज चुकाना होगा। वहीं आपको कम ब्याज चुकाना होगा अगर आप कम अवधि रखेंगे। हालाँकि, अवधि को कम करने से आपकी ईएमआई बढ़ेगी। यदि आप 15 साल के लिए 50 लाख रुपये का होम लोन 9 फीसदी ब्याज दर पर लेते हैं, तो आपको सिर्फ 41 लाख रुपये का ब्याज चुकाना पड़ेगा। वहीं आपको ब्याज के तौर पर 58 लाख रुपये चुकाने होंगे अगर आप 20 साल की EMI बनवाते हैं।
होम लोन की अवधि को कम करना (Home Loan)
Home Loan की अवधि अधिक सालों की होगी तो आपको अधिक ब्याज चुकाना होगा। (Home Loan) वहीं आपको कम ब्याज चुकाना होगा अगर आप कम अवधि रखेंगे। हालाँकि, अवधि को कम करने से आपकी ईएमआई बढ़ेगी। यदि आप 15 साल के लिए 50 लाख रुपये का होम लोन 9 फीसदी ब्याज दर पर लेते हैं, तो आपको सिर्फ 41 लाख रुपये का ब्याज चुकाना पड़ेगा। वहीं आपको ब्याज के तौर पर 58 लाख रुपये चुकाने होंगे अगर आप 20 साल की EMI बनवाते हैं।
ईएमआई होम लोन लेते वक्त और 10 से 15 वर्ष तक के स्थितियां काफी बदल जाती हैं जब आय बढ़ती है। मान लीजिए कि आपने 20 वर्षों के लिए पचास लाख रुपये का होम लोन लिया है। आपका होम लोन महज 10 साल में पूरा हो सकता है अगर आप इसके लिए हर साल 10% ईएमआई बढ़ाते हैं।
गुणवत्तापूर्ण टर्म इंश्योरेंस लेना अनिवार्य है। आप नहीं रहने पर आपके परिवार को कोई परेशानी नहीं होगी। (Home Loan) आपका परिवार होम लोन लेने के बाद टर्म इंश्योरेंस से लोन का बकाया भुगतान कर सकता है। अगर आपके पास बीमा नहीं है, तो बैंक आपके घर पर कब्जा कर सकता है अगर आप नहीं रहेंगे।
अगर आप घर खरीदने की सोच रहे हैं, तो अपनी पत्नी के साथ मिलकर ज्वाइंट होम लोन लें और दोनों के नाम पर रजिस्ट्री करवाएं। ऐसे में आप दोनों टैक्स बेनेफिट पा सकते हैं। इस तरह देखा जाए तो आपको दोगुना टैक्स लाभ होगा। दोनों ही प्राइमरी अमाउंट पर 1.5 से 1.5 लाख रुपये, यानी कुल 3 लाख रुपये 80 सी के तहत मिल सकते हैं।
साथ ही, ब्याज पर दोनों को सेक्शन 24 के तहत 2-2 लाख रुपये तक का टैक्स बेनेफिट मिल सकता है। जैसा कि देखा गया है, आप कुल मिलाकर 7 लाख रुपये तक का टैक्स लाभ पा सकते हैं। यह, हालांकि, आपके होम लोन की राशि पर भी निर्भर करेगा।
जब ब्याज दरें बढ़ती हैं, तो बैंक लोन की अवधि को बदल देते हैं। हम ऐसा करते हैं ताकि ग्राहकों को अधिक ईएमआई का बोझ नहीं पड़े। (Home Loan) बैंक भी ऐसा करना चाहते हैं क्योंकि आप अधिक दिनों तक ईएमआई देते रहेंगे, बैंक अधिक पैसा कमाते होंगे।
शुरुआत में अधिकांश लोग इस पर ध्यान नहीं देते। बाद में, जब उन्हें पता चलता है कि उनका लोन बहुत लंबा हो गया है, वे बैंक से शिकायत करते हैं। यदि आप नहीं चाहते कि आपके होम लोन की अवधि बढ़ जाए, तो आपको ब्याज दरें बढ़ने पर बैंक से बात करके अपना होम लोन रीस्ट्रक्चर करवाना चाहिए। यानी आपको बैंक से कहना होगा कि वह समय को न बढ़ाकर ईएमआई को नई ब्याज दर पर बढ़ा दे।
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