Delhi NCR Metro: दिल्ली NCR में बिछाई जाएंगी 6 नई मेट्रो लाइनें साथ ही बनेंगे स्टेशन!

Delhi NCR Metro: डीएमआरसी के सूत्रों ने बताया कि पिछले वर्ष नरेला-बवाना-रिठाला के बीच प्रस्तावित कॉरिडोर को हरियाणा के कुंडली में शामिल करने का फैसला किया गया था।

A1 Haryana: आपकी जानकारी के लिए बता दें, की केंद्रीय सरकार ने दिल्ली मेट्रो के दो नए कॉरिडोर को मंजूरी दी है, जो कई मायनों में बहुत अलग होंगे। इनके बनने से सबसे बड़ा लाभ यह होगा कि आठ नए इंटरचेंज स्टेशंस दिल्ली मेट्रो नेटवर्क में मिल जाएंगे, जो अलग-अलग लाइनों को आपस में जोड़ेंगे। इससे मेट्रो की पहुंच और यात्रियों का विस्तार होगा। साथ ही, इन दोनों लाइनों से दिल्ली के कई अन्य महत्वपूर्ण वाणिज्यिक और प्रशासनिक स्थान मेट्रो नेटवर्क से जुड़ेंगे, जिससे लोगों को इन स्थानों पर आने-जाने में काफी सुविधा होगी।

दिल्लीवासी मेट्रो नेटवर्क से सीधे जुड़ जाएंगे, जिससे आईजीआई स्टेडियम, एलएनजेपी हॉस्पिटल, सराय रोहिल्ला रेलवे स्टेशन, जीके-1, साकेत डिस्ट्रिक्ट सेंटर और दिल्ली सचिवालय जैसी महत्वपूर्ण जगहें सीधे जुड़ जाएंगी, जिसका बहुत लाभ होगा। इससे इन क्षेत्रों में काम करने वाले लोगों को सुविधा मिलेगी और आवाजाही भी आसान होगी। सूत्रों के अनुसार, टेंडर प्रक्रिया पूरी होने में छह से आठ महीने लग सकते हैं। यही कारण है कि इन दोनों कॉरिडोर का निर्माण इस साल के अंत तक या अगले साल शुरू होने की उम्मीद है।

फेज-4 पर पहले से ही काम चल रहा है
फेज-4 के तीन मुख्य कॉरिडोर्स पर तेजी से काम चल रहा है। इनमें जनकपुरी वेस्ट से रामकृष्ण आश्रम मार्ग, मौजपुर से मजलिस पार्क और दिल्ली एयरोसिटी कॉरिडोर से तुगलकाबाद शामिल हैं। अब शेष तीन कॉरिडोर में से दो और कॉरिडोर मंजूर हैं। इंद्रप्रस्थ-इंद्रलोक कॉरिडोर इनमें बहुत विशिष्ट और महत्वपूर्ण साबित होगा। यह दिल्ली मेट्रो का पहला कॉरिडोर होगा जिसमें हर स्टेशन पर इंटरचेंज होगा। ऐसा इसलिए होगा क्योंकि सिर्फ 12 किमी लंबे इस कॉरिडोर पर 10 नए मेट्रो स्टेशंस बनेंगे, उनमें से 5 स्टेशंस पर इंटरचेंज की सुविधा होगी। साथ ही, लाजपत नगर और साकेत जी ब्लॉक के बीच बनने वाला नया कॉरिडोर बहुत अलग होगा। इस कॉरिडोर में दो राज्य इंटरचेंज होंगे।

पिंक और वॉयलेट लाइन के साथ इस नई लाइन के जुड़ने से लाजपत नगर का स्टेशन कश्मीरी गेट की तरह एक ट्रिपल इंटरचेंज मेट्रो स्टेशन बन जाएगा. इसके अलावा, साकेत जी ब्लॉक का स्टेशन तुगलकाबाद-एयरोसिटी लाइन के दूसरे स्टेशन से भी जुड़ेगा। ऐसा ही लाजपत नगर-साकेत कॉरिडोर में भी तीन स्थानों पर इंटरचेंज सुविधाएं होंगी। इसका लाभ यह होगा कि मेट्रो नेटवर्क में 60 से अधिक इंटरचेंज स्टेशनों की संख्या बढ़ जाएगी। दिल्ली-एनसीआर में अभी 54 इंटरचेंज स्टेशंस हैं, जिसमें रैपिड मेट्रो और एयरपोर्ट मेट्रो सहित दिल्ली मेट्रो की 11 लाइनें शामिल हैं। इन दो लाइनों की स्थापना से इंटरचेंज स्टेशनों की संख्या 62 बढ़ जाएगी। साथ ही इंद्रप्रस्थ-इंद्रलोक कॉरिडोर, जहां 5 से कम इंटरचेंज स्टेशन हैं, रेड, ग्रीन, मजेंटा, ग्रे, एयरपोर्ट लाइन और रैपिड मेट्रो को भी पीछे छोड़ देगा।

दोनों लाइनों पर जल्द ही काम शुरू होगा।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, डीएमआरसी ने एप्रूवल मिलने के बाद इन दोनों लाइनों पर काम को जल्दी से शुरू करने के लिए प्री-बिड एक्टिविटीज और टेंडर डॉक्युमेंट्स बनाने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है. इससे टेंडर प्रक्रिया पूरी होने के बाद इन दोनों कॉरिडोर्स पर निर्माण कार्य शुरू करने में देरी नहीं होगी। इसमें मेट्रो लाइन के रास्ते में आने वाली पाइपलाइनों और वायरिंग, आदि को शिफ्ट करने के लिए आवश्यक सर्वेक्षण और निर्माण के लिए विभिन्न संस्थाओं से अनुमति लेने की प्रक्रिया भी शामिल होगी।

मेट्रो का चौथा फेज़ क्यों पटरी से उतरा?
अब, लगभग पांच साल की प्रतीक्षा के बाद, मेट्रो के चौथे फेज की दो और लाइनों को अंतिम मंजूरी मिल गई है। इस फेज की एक लाइन अभी भी मंजूरी के लिए इंतजार करेगी। दिल्ली मेट्रो, जो एक समय तेजी से काम करने के लिए जानी जाती थी, इस मामले में ये फेज निराशाजनक रहा है। सरकारों और विभागों के बीच आवश्यक सामंजस्य की कमी स्पष्ट रूप से इसकी मुख्य वजह है। जनहित की और इतनी महंगी परियोजनाओं के मामले में राजनीति से दूर रहने की जरूरत है, क्योंकि इन परियोजनाओं की देरी से न सिर्फ लोगों को सुविधाएं नहीं मिलती, बल्कि उनकी लागत भी बढ़ती है। साथ ही, विभागों को इस तरह के परियोजनाओं को आसान बनाने के लिए मंजूरियों की प्रक्रिया को तेजी से पूरा करना चाहिए।

अभी बाकी दिल्ली मेट्रो फेज-4 के तहत नरेला-बवाना-कुंडली कॉरिडोर सहित छह नए कॉरिडोर बनाने की योजना थी। इनमें से तीन कॉरिडोर पर पहले से ही काम चल रहा है, जबकि दो कॉरिडोर अब पूरे हो चुके हैं। एक कॉरिडोर शेष है। डीएमआरसी के सूत्रों ने बताया कि पिछले वर्ष नरेला-बवाना-रिठाला के बीच प्रस्तावित कॉरिडोर को हरियाणा के कुंडली में शामिल करने का फैसला किया गया था। इसलिए अब पूरे कॉरिडोर का नवीनतम डीपीआर बनाया जा रहा है।

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दिल्ली के एलजी की पहल पर डीडीए ने नरेला और बवाना में कई नई परियोजनाएं भी शुरू की हैं। यहां बड़े पैमाने पर राज्य, व्यावसायिक और संस्थागत विकास भी इसके तहत चल रहा है। इसलिए मेट्रो लाइन के एलाइनमेंट में भी कुछ बदलाव हो सकते हैं। डीपीआर अभी तक फाइनल नहीं हुआ है, इसलिए फेज-4 के छठे और अंतिम कॉरिडोर को मंजूरी नहीं मिली है। प्राप्त सूत्रों के अनुसार, डीपीआर लागू होने के बाद ही सरकार इस प्रस्ताव पर विचार करेगी और कॉरिडोर को मंजूरी देगी।

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