Property News: दो साल के भीतर बेचा जाए तो शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन कर लगता है। मकान बेचने पर लाभ मिलता है, जो आय में जोड़ा जाता है। टैक्स का भुगतान जिस टैक्स स्लैब में होता है उसके हिसाब से होता है।
Haryana Update: आपको बता दें, की रेसिडेंशियल प्रॉपर्टी में निवेश करना बहुत लोकप्रिय है। वह पहले एक छोटे से घर खरीदते हैं, फिर उसे बेचकर एक बड़े घर में शिफ्ट होते हैं। इसके अलावा, कई लोग सिर्फ संपत्ति खरीद-बिक्री करते हैं। घर खरीद-बिक्री से जुड़े इनकम टैक्स के नियम भी हैं।
टैक्स का मूल्य
मकानों को बेचने पर दो टैक्स लगते हैं। लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स लगाया जाता है अगर घर दो साल या उसके बाद बेचा जाता है। इसमें घर बेचने के बाद होने वाले मुनाफे पर 20% का टैक्स लगाया जाता है।
वहीं, अगर घर को दो साल के भीतर बेचा जाए तो शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन कर लगता है। मकान बेचने पर लाभ मिलता है, जो आय में जोड़ा जाता है। टैक्स का भुगतान जिस टैक्स स्लैब में होता है उसके हिसाब से होता है।
टैक्स बेनिफिट इनकम टैक्स एक्ट की धारा 54 के तहत एक घर बेचकर होने वाली कमाई से दूसरा घर खरीदने पर टैक्स राहत कैसे मिलती है? लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन में यह राहत मिलती है। आयकर कानून का उद्देश्य है कि करदाता घर बेचकर पैसे कमाने के लिए एक स्थायी घर प्राप्त करें।
टैक्स बेनिफिट कभी मिलता है जब कैपिटल गेन रेसिडेंशियल संपत्ति खरीदने या बनाने के लिए प्रयोग किया जाता है। जमीन खरीदने पर टैक्स बेनिफिट नहीं मिलता
टैक्स बेनिफिट पाने के लिए विक्रेता को अपनी संपत्ति बेचने के दो वर्ष के अंदर एक नया घर खरीदना होगा। अगर घर बनाना है तो तीन साल के अंदर होना चाहिए। यदि आपने घर बेचने से एक साल पहले ही नया घर खरीद लिया है, तो आप भी टैक्स बेनिफिट का लाभ ले सकते हैं।