ATM Free Insurance Scheme: भारतीय स्टेट बैंक अपने गोल्ड एटीएम कार्ड धारकों को चार लाख और दो लाख रुपये का बीमा प्रदान करता है। वहीं, प्रीमियम कार्ड धारक को 10 लाख और 5 लाख (गैर हवाई) का बीमा मिलता है।
A1 Haryana: आपको बता दें, की जिस बैंक में अकाउंट है, वह उसे डेबिट कार्ड देता है। यह डेबिट कार्ड बैंक ATM से पैसे निकालने के लिए इस्तेमाल किया जाता है, इसलिए इसे कम एटीएम कार्ड भी कहते हैं। आप ऑनलाइन खरीदारी और पेमेंट करने के लिए भी एटीएम कार्ड का इस्तेमाल कर सकते हैं। क्या आपको पता है कि बैंक का एटीएम कार्ड आपको 10 लाख रुपये तक का फ्री इंश्योरेंस कवर देता है? बैंकों के एटीएम फैसिलिटी के आधार पर कवर की राशि बदलती है। आइए जानते हैं कि बैंक ATM पर किस तरह की सुरक्षा मिलती है और आप ATM सुरक्षा क्लेम कैसे कर सकते हैं।
एटीएम कार्ड पर फ्री इंश्योरेंस: (ATM Free Insurance Scheme) आप किसी भी बैंक के एटीएम कार्ड का 45 दिन से अधिक समय तक इस्तेमाल कर चुके हैं तो आप फ्री इंश्योरेंस सुविधा पात्र हैं। इनमें जीवन बीमा और दुर्घटना बीमा दोनों शामिल हैं। इन दोनों परिस्थितियों में अब आप बीमा की मांग कर सकेंगे। SBI ATM Insurance card की कैटेगरी के अनुसार रकम निर्धारित की गई है। भारतीय स्टेट बैंक अपने गोल्ड एटीएम कार्ड धारकों को चार लाख और दो लाख रुपये का बीमा प्रदान करता है। वहीं, प्रीमियम कार्ड धारक को 10 लाख और 5 लाख (गैर हवाई) का बीमा मिलता है। विभिन्न बैंकों, जैसे HDFC Bank, ICICI Bank और Kotak Mahindra Bank, अपने डेबिट कार्ड पर अतिरिक्त राशि की सुरक्षा प्रदान करते हैं।
फ्री इंश्योरेंस क्लेम की प्रक्रिया बहुत आसान है; बैंक डेबिट कार्ड पर फ्री इंश्योरेंस क्लेम करना बहुत आसान है। (ATM Free Insurance Scheme) इसके लिए पहले अकाउंट होल्डर्स नॉमिनी की जानकारी डालें। आप एक डेबिट कार्ड इंश्योरेंस क्लेम (Debit Card Insurance Claim) करने के लिए अस्पताल के इलाज का खर्च, एक प्रमाण पत्र और पुलिस FIR की एक कॉपी आवश्यक हैं। इसके अलावा, अगर अकाउंट होल्डर की मृत्यु हो जाती है, तो नॉमिनी मृत्यु प्रमाण पत्र प्राप्त कर सकते हैं।
आप ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से आवेदन कर सकते हैं। (ATM Free Insurance Scheme) इस सुविधा को बैंक अपने ग्राहकों को देते हैं। आप अपने बैंक के ब्रांच में क्लेम फॉर्म ले सकते हैं। इस फॉर्म को भरकर जमा करना होगा। फिर बीमा दावा करने की प्रक्रिया शुरू होती है। दुर्घटना होने के 60 दिन के भीतर दावा करना उचित है।
बीमा कंपनी, क्लेम की सूचना मिलने के बाद, मामले की जांच के लिए तीन दिन के अंदर एक जांच अधिकारी नियुक्त करती है और 30 दिन के अंदर रिपोर्ट तैयार की जाती है। पेपर वेरिफिकेशन होने पर दावा राशि एनईएफटी (NEFT) के माध्यम से खाते में जमा कर दी जाती है. यह 10 दिनों के भीतर होता है।