DA Hike News: कर्मचारियों की न्यूनतम सैलरी को 7,000 रुपये से बढ़ाकर 18,000 रुपये करने का निर्णय लिया था। जस्टिस माथुर ने सिफारिश की कि सरकार हर साल केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन को प्राइस इंडेक्स के अनुसार देखना चाहिए।
A1 Haryana: आपको बता दें, की 1 जनवरी 2016 से देश में 7वां वेतन आयोग लागू हो गया है। योजना लागू हुए लगभग पांच साल हो गए हैं, और अब केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन को नए सिरे से निर्धारित करने के लिए एक नया वेतन आयोग बनाया जाना चाहिए। इस बीच, यह भी चर्चा है कि सरकार केवल वेतन आयोग की परंपरा को समाप्त कर सकती है।
रिपोर्ट्स के अनुसार, आठवां वेतन आयोग शायद कभी नहीं बनाया जाएगा। (DA Hike News) सरकार सैलरी निर्धारित करने के लिए वेतन आयोग की जगह एक नवीनतम विधि का उपयोग कर सकती है। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार एयकरॉयड फॉर्म्युले से भविष्य की सैलरी निर्धारित हो सकती है। इसके बाद, सैलरी को महंगाई और कर्मचारियों की परफॉर्मेंस के साथ जोड़ा जाएगा और उसके अनुसार ही भुगतान किया जाएगा।
वास्तव में, यह सिद्धांत वॉलेस रुडेल आयकरॉयड ने दिया था। उनका कहना था कि आम आदमी के लिए भोजन और कपड़ा बेसिक जरूरतें हैं, (DA Hike News) और कर्मचारियों की सैलरी इनकी कीमतों में वृद्धि के अनुसार ही बढ़ानी चाहिए। यही नहीं, सातवें वेतन आयोग का नेतृत्व करने वाले जस्टिस ए.के माथुर ने कहा कि सरकार को हर साल कर्मचारियों की सैलरी की समीक्षा करनी चाहिए।
7वें वेतन आयोग की सिफारिश में जस्टिस माथुर ने कहा कि हमने Aykroyd फॉर्म्युले के अनुसार पे स्ट्रक्चर बनाने की कोशिश की है, जिसमें लिविंग कॉस्ट भी शामिल है। उनका कहना था कि हमने सैलरी फिक्स की है ताकि जीवन की आवश्यकताएं आसानी से पूरी की जा सकें।
केंद्र सरकार ने 7वें वेतन आयोग के तहत कर्मचारियों की न्यूनतम सैलरी को 7,000 रुपये से बढ़ाकर 18,000 रुपये करने का निर्णय लिया था। जस्टिस माथुर ने सिफारिश की कि सरकार हर साल केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन को प्राइस इंडेक्स के अनुसार देखना चाहिए। (DA Hike News) केंद्र सरकार ने अब तक आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा है, लेकिन 8वें वेतन आयोग की स्थापना को लेकर भी कुछ नहीं कहा गया है।